इस खुबसूरत पेंटिंग को देखकर दिल से निकले कुछ ख्याल :-
नैनो में डाल के कजरा
केशों में बाँध के गजरा,
बल खा के चली मैं आज
जग से मोहे आती है लाज,
पनघट पे खड़ा होगा बैरी
तोड़ेगा फिर गगरी मोरी,
मरती हैं जिस पर सभी गोरी
करता है जो माखन की चोरी,
वेणु पर लिए वो मधुर तान
होठों पर एक मंद मुस्कान,
झुक जाएगी पलके लाज से
छोड़ेगा नैनो से ऐसे बान,
मेरे इस जीवन का अंग है आधा
वो मेरा कृष्णा , मैं उसकी राधा
© इमरान अंसारी