दोस्तों कल इतवार का दिन मुग़ल गार्डन देखने में बीता जो कि राष्ट्रपति भवन, दिल्ली में स्थित है । जो हर साल फरवरी-मार्च के मौसम में आम जनता के लिए खोला जाता है, मुग़ल गार्डन में खूबसूरत प्रकृति की अनुपम छटा देखने को मिलती है जो आपको सम्मोहित सा कर लेती है । वैसे इससे पहले भी दो बार वहाँ जाना हुआ है पर वहाँ सुरक्षा की दृष्टि से अन्दर कुछ भी ले जाना मना होता है, परन्तु इस बार मोबाइल ले जाने पर कोई पाबन्दी नहीं थी तो खाकसार ने बिना कोई मौंका गवाएं कुछ चित्र अपने मोबाइल से उतारे हैं, जो आप सबकी नज़र है |
एक दरिया है ये जज़्बातों का जिसमे लफ़्ज़ों की किश्तियाँ तैरती हैं........... जज़्बात मेरे.....तुम्हारे और हम सबके......एक ज़रिया जिससे जज़्बातों का ये सैलाब एक दिल से दूसरे दिल की दहलीज़ तक पहुँच जाए......लफ़्ज़ों की किश्ती पर सवार ......आओ डूब जाएँ जज़्बात के इस दरिया में.......
फ़रवरी 24, 2014
मुग़ल गार्डन- राष्ट्रपति भवन, दिल्ली
लेबल:
फोटोग्राफी
फ़रवरी 11, 2014
प्यार और प्यार
दोस्तों,
आप सभी का शुक्रिया जो 'चल यार मनाएंगे' आपको पसंद आई । कुछ लोगों ने कहा और खुद मुझे भी लगा कि इसे धुन में पिरो कर गुनगुनाने लायक बनाना चाहिए । तो एक छोटा सा प्रयास किया जिसे आप यहाँ (विडियो यू ट्यूब पर ) देख सकते है |
आप सभी का शुक्रिया जो 'चल यार मनाएंगे' आपको पसंद आई । कुछ लोगों ने कहा और खुद मुझे भी लगा कि इसे धुन में पिरो कर गुनगुनाने लायक बनाना चाहिए । तो एक छोटा सा प्रयास किया जिसे आप यहाँ (विडियो यू ट्यूब पर ) देख सकते है |
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फरवरी का गुलाबी मौसम
फिजाओं में महकती फूलों की खुशबू
तन-मन को गुदगुदाती बसंती बयार
हर तरफ फैला हुआ एक खुमार
कुछ और नहीं बस प्यार और प्यार,
अनगिनत परिभाषाएं,असंख्य अभिव्यक्तियाँ
फिर भी अनकहा सा, अनसुलझा सा
सिर्फ मेरे और तुम्हारे अनुभव पर आधारित
कहाँ बाँध सका कोई इसे शब्दों में
कहाँ कह सका कोई इसे जुबां से
दिल से दिल तक बंधा एक तार
कुछ और नहीं बस प्यार और प्यार,
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