'सत्य' एक अनसुलझा सा शब्द
या जीवन भर की एक खोज,
कितने लोगों से कितनी ही बार
सुनता रहा हूँ 'सत्य' के बारे में
पर नहीं देता किसी पर ज्ञान-ध्यान
अपने ही अनुभवों में खोजता हूँ इसे,
और जो स्वयं से सीख पाया हूँ वह है
'सत्य' कहना कही अधिक सरल है
अपेक्षा 'सत्य' को सुनने के,
पिघले हुए सीसे के सामान ही
कई बार गिरता है ये कानों में,
और भीतर जो 'मैं' कि एक परत है
बहुत यत्नों से बनाता है मनुष्य जिसे
क्षण में ही छिन्न-भिन्न कर देता है,
मैं, तुम या सम्पूर्ण संसार, कोई नहीं
जो 'सत्य' को सुनने के लिए राज़ी हो
पुरखों या किताबों से 'सत्य' नहीं मिलता
'सत्य' केवल एक शब्द मात्र नहीं
यही जीवन का एकमात्र 'लक्ष्य' है,
सत्य वचन... सत्य केवल एक शब्द नहीं लक्ष्य है...शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत शुक्रिया संध्या जी ।
हटाएं
जवाब देंहटाएंबेहद सार्थक भावपूर्ण सशक्त प्रस्तुति ... आभार
Recent post : होली की हुडदंग कमेंट्स के संग
बहुत बहुत शुक्रिया धीरेन्द्र जी ।
हटाएंसच है सत्य शब्द मात्र नहीं है ...... अद्भुत भाव
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत शुक्रिया मोनिका जी ।
हटाएंक्या बात है भई...
जवाब देंहटाएंइतना सत्य लिखा है...
फिर भी सुनने में किसी को बुरा नहीं लगेगा....!!
सुन्दर ...
अति सुन्दर....!
एकदम सच कर रही हूँ....
तुम्हें बुरा तो नहीं लगा न....!!
बहुत बहुत शुक्रिया पूनम दी.....सत्य है ही सुन्दर......तुम्हारी किसी भी बात का बुरा नहीं लग सकता मुझे :-)
हटाएंसुन्दर लक्ष्य इमरान भाई. सत्य सुनना और समझना और उसकी राह पर चलना बिरले ही कर पाते है.
जवाब देंहटाएंसही कहा आपने ......बहुत बहुत शुक्रिया निहार भाई ।
हटाएंwah wah.....
जवाब देंहटाएंsatya ki talash to sadiyo se jari hein.
बहुत बहुत शुक्रिया सुनील भाई ।
हटाएंसत्य वही है,जो मन तलाशता है .... वाकई सत्य कहना सहज है,सुनना कठिन .... कठिन को आसान बना लें तो असम्भव सम्भव हो जाये ...
जवाब देंहटाएंसही कहा रश्मि जी.....शुक्रिया आपका।
हटाएंsarthak soch ke sath hi ak darshan ko rekhankit karati rachana achchhi lagi ...badhai bhai Imran ji .
जवाब देंहटाएंआपका शुक्रिया नवीन जी ।
हटाएंसच कहा है .. सत्य केवल शब्द नहीं है ... इसको महसूस कर के ही जाना जा सकता है की कितना परम आनद है इसमें ... कई बार सत्य को सब जानते हैं पर फिर भी जानना नहीं चाहते ...
जवाब देंहटाएंशुक्रिया दिगम्बर जी ।
हटाएंफिर भी तो बहुत कम लोग सत्य बोलते है जबकि सत्य कड़वा होते हुए भी ज़िंदगी सुकून से गुज़ारने का जरिया होता है और झूठ पल दो पल का सुकून देने के लिए। सार्थक अभिव्यक्ति...
जवाब देंहटाएंशुक्रिया पल्लवी जी ।
हटाएंजो गुनने की चीज़ है उसे लोग सुनने -सुनाने में खोजते हैं . जो कभी न मिला है और न ही कभी मिल सकता है . हमारे होने का सत्य ही सम्पूर्ण सत्य है .
जवाब देंहटाएंबहुत शुक्रिया अमृता जी ।
हटाएंसत्य अहंकार का शत्रु है..तभी सत्य को लक्ष्य नहीं बना पाते हम, बचपन से तो हमें अहंकार का पोषण ही सिखाया जाता है..सत्य का अर्थ है जीते जी मृत्यु को स्वीकारना..
जवाब देंहटाएंबहुत शुक्रिया अनीता जी ।
हटाएंBahut khub...aabhar.
जवाब देंहटाएंबहुत शुक्रिया मंटू ।
हटाएंजो अनुभव से ढूँढा गया हो, वही सत्य 'आत्मसत्य' है ... और बिलकुल सही कहा आपने इमरान भाई, यही सत्य जीवन का एकमात्र लक्ष्य है। बेहतरीन रचना।
जवाब देंहटाएंसादर शुभकामनाएं,
मधुरेश
बहुत बहुत शुक्रिया मधुरेश जी ।
हटाएंबढ़िया |
जवाब देंहटाएंशुक्रिया विजय जी।
हटाएंसकारात्मक सोच ही सच का भास् कराती है .......
जवाब देंहटाएंशुक्रिया निवेदिता जी।
हटाएं'सत्य' केवल एक शब्द मात्र नहीं
जवाब देंहटाएंयही जीवन का एकमात्र 'लक्ष्य' है,
बिल्कुल सही कहा आपने .... सार्थकता लिए सटीक प्रस्तुति
आभार
बहुत शुक्रिया सदा जी।
हटाएंअति उत्तम ...बधाई
जवाब देंहटाएंबहुत शुक्रिया ममता जी।
हटाएं:)
जवाब देंहटाएंवाकई सत्य कहना बहुत सरल है ...बनिस्बत सत्य सुनने के .....सही विश्लेषण !!!
जवाब देंहटाएंबहुत शुक्रिया सरस जी।
हटाएंबहुत खूब...
जवाब देंहटाएंसत्य का ज्ञान जिसे हुआ वह भी नहीं बता पाता कि सत्य क्या है!