अक्तूबर 28, 2013

लाज



इस खुबसूरत पेंटिंग को देखकर दिल से निकले कुछ ख्याल :-

नैनो में डाल के कजरा 
केशों में बाँध के गजरा,
बल खा के चली मैं आज
जग से मोहे आती है लाज,

पनघट पे खड़ा होगा बैरी
तोड़ेगा फिर गगरी मोरी,
मरती हैं जिस पर सभी गोरी 
करता है जो माखन की चोरी, 

वेणु पर लिए वो मधुर तान 
होठों पर एक मंद मुस्कान, 
झुक जाएगी पलके लाज से 
छोड़ेगा नैनो से ऐसे बान, 

मेरे इस जीवन का अंग है आधा 
वो मेरा कृष्णा , मैं उसकी राधा 

© इमरान अंसारी

19 टिप्‍पणियां:

  1. सुभानअल्लाह भाई
    बेमिसाल
    आपकी लेखनी तो गज़ब का जादू जानती है
    ख़ुदा नेमत दे आपको

    जवाब देंहटाएं
  2. मेरे इस जीवन का अंग है आधा
    वो मेरा कृष्णा , मैं उसकी राधा ,,,

    बहुत सुंदर रचना ,,,

    RECENT POST -: तुलसी बिन सून लगे अंगना

    जवाब देंहटाएं
  3. आपकी यह पोस्ट आज के (२८ अक्टूबर , २०१३) ब्लॉग बुलेटिन - कौन निभाता किसका साथ - पर प्रस्तुत की जा रही है | बधाई

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. बहुत बहुत शुक्रिया हमारे ब्लॉग कि पोस्ट को यहाँ शामिल करने का |

      हटाएं

  4. बहुत खूबसूरत रचना ......

    जवाब देंहटाएं
  5. अच्छी कविता है इमरान जी..... साधुवाद......
    http://achhibatein.blogspot.in

    जवाब देंहटाएं
  6. बहुत सुन्दर ,श्रृंगार रस से भरी कविता |
    नई पोस्ट सपना और मैं (नायिका )

    जवाब देंहटाएं
  7. उम्दा पोस्ट इमरान जी

    जवाब देंहटाएं
  8. चित्र के साथ बिलकुल न्याय करती है आपकी यह रचना. अति सुन्दर.

    जवाब देंहटाएं
  9. आज तो राधा मय है आपका ब्लॉग ...
    प्रेम ओर श्रृंगार का पुट लिए बहुत ही उम्दा पोस्ट ...

    जवाब देंहटाएं
  10. आप सभी कद्रदानों का तहेदिल से शुक्रिया |

    जवाब देंहटाएं
  11. अजी , इस राधा से तो कोई और भी झाँक रहा है लजाते हुए.. वाह ! कलम की निखार दिख रही है..

    जवाब देंहटाएं
  12. बहुत सुन्दर मनभावन रचना...

    जवाब देंहटाएं
  13. वाह .... बहुत ही बढिया
    आभार

    जवाब देंहटाएं
  14. क्या बात .....बहुत खूब ........

    जवाब देंहटाएं

जो दे उसका भी भला....जो न दे उसका भी भला...