जून 16, 2013

तू ही तो है माँ....

प्रिय साथियों,

कुछ दिनों की निजी मसरूफियत के चलते नेट-जगत से दूरी सी बनती जा रही है इसके लिए आप सबसे माफ़ी का तलबगार हूँ........उम्मीद है आप सब अल्लाह के फज़ल से अच्छे होंगे और दुआ है कि आगे भी अच्छे रहे।

आज मेरी तरफ से ये ग़ज़ल दुनिया कि तमाम "माँ" के नाम.....वो माँ जो हमे सब कुछ देती है बिना कुछ माँगे जिसका क़र्ज़ कभी नहीं उतारा जा सकता......पाक किताब कहती है उसके क़दमों के नीचे ही जन्नत है उसकी जितनी भी सेवा कि जा सके कम है..............इस उम्मीद में कि आप सबको पसंद आये......पेशे खिदमत है "तू ही तो है माँ"


जब मैं रोता था रातों को अक्सर उठकर 
तब मुझे बहलाने वाली तू ही तो है माँ,

मचल-मचल उठता था जब मैं किसी चीज़ को 
मेरी हर जिद पूरी करने वाली तू ही तो है माँ,

कहाँ था ज्ञान किसी भी बात का मुझको यहाँ 
मुझे दुनिया को दिखाने वाली तू ही तो है माँ,

चलते-चलते ही गिर जाया करता था जब मैं 
तब भी मुझे सँभालने वाली तू ही तो है माँ,

नहीं आने देती है मुझ तक दर्द की धूप को 
अपने आँचल में छुपाने वाली तू ही तो है माँ,

भर आता दिल जब भी दुनिया के दर्द से 
मेरे अश्कों को पोछने वाली तू ही तो है माँ,

इस ज़ालिम ज़माने में नहीं यकीं किसी पर 
मेरे लिए तो मेरा भरोसा बस तू ही तो है माँ,

घिर जाता हूँ जब मैं नाकामी के गहरे कुएँ में 
तब मुझे रौशनी दिखाने वाली तू ही तो है माँ,

नहीं जाता हूँ मैं उसे को ढूँढने किसी तीर्थ में 
मेरे लिए तो मेरी जन्नत बस तू ही तो है माँ,

नहीं चुका पायेगा क़र्ज़ तेरा कभी ये 'इमरान'
इसे जिंदगी बख्शने वाली बस तू ही तो है माँ,

30 टिप्‍पणियां:

  1. माँ से बढ़कर कोई तीरथ नहीं ....
    संवेदनाएं जगाती ...बहुत संवेदनशील प्रस्तुति है ...!!

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    1. आपकी सभी टिप्पणीयों के लिए तहेदिल से शुक्रिया ।

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  2. वो माँ जो हमे सब कुछ देती है बिना कुछ माँगे ....
    ख़ुदा के पहले इसलिए तो माँ का नाम लिया जाता
    हर जगह ख़ुदा नहीं हो सकता इसलिए तो उसने माँ बनाया ........
    ख़ुदा आपको हमेशा सेहतमंद और आबाद रखे

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  3. माँ तो बस माँ होती है शब्दों और परिभाषाओं से परे है माँ और उसकी संतान का रिश्ता
    भाव भीनी ,प्यारी सी कोमल रचना उतनी ही जितनी माँ.....

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  4. बहुत भावपूर्ण प्रस्तुति...दुनियां में माँ से बढ़ कर कुछ भी नहीं है..माँ का प्रेम अतुलनीय है...

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  5. नहीं चुका पायेगा क़र्ज़ तेरा कभी ये 'इमरान'
    इसे जिंदगी बख्शने वाली बस तू ही तो है माँ,

    वाह वाह !!! बहुत सुंदर लाजबाब गजल,,,

    RECENT POST: जिन्दगी,

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  6. कोमल भावो की और मर्मस्पर्शी.. अभिवयक्ति .....

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  7. आपके शब्द ह्रदय के तंतुओं को छू गए इमरान भाई. बहुत बढ़िया लिखा है.

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  8. बहुत सुन्दर भावों से युक्त वाणी में माँ की महिमा गाई है !

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  9. नहीं चुका पायेगा क़र्ज़ तेरा कभी ये 'इमरान'
    इसे जिंदगी बख्शने वाली बस तू ही तो है माँ,
    बहुत सुन्दर शब्दों में" माँ " की व्याख्या करती सुन्दर रचना .
    latest post पिता
    LATEST POST जन्म ,मृत्यु और मोक्ष !

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  10. बहुत बहुत शुक्रिया अनंत जी जज़्बात की पोस्ट शामिल करने का ।

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  11. "मातृदेवो भव" कह श्रुति समझा रही है माता ही तो देवी है हमें समझना चाहिए
    लोक परलोक दोनों उसी के चरण में है हमें फिर इधर-उधर नहीं भटकना चाहिए ।"
    कुपुत्रो जायेत क्वचिदपि कुमाता न भवति । भावगम्य प्रस्तुति ।

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  12. सही कहा माँ के क़दमों के नीचे है. माँ सा कोई दूसरा दुनिया में नहीं... सुन्दर ह्रदयस्पर्शी रचना... शुभकामनायें

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  13. मर्मस्पर्शी..... अद्भुत पंक्तियाँ

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  14. आपने जो भी लिखा है माँ उससे भी कहीं आगे जा के अपने बच्चों के लिए करती है ...
    ना के प्रेम का कोई मोल नहीं होता ... उसकी हर बात सिर्फ सुर सिर्फ बच्चे के लिए ही होती है ...
    मन को छूती हैं सभी पंक्तियाँ ... लाजवाब ...

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  15. नहीं जाता हूँ मैं उसे को ढूँढने किसी तीर्थ में
    मेरे लिए तो मेरी जन्नत बस तू ही तो है माँ,

    माँ सिर्फ माँ होती है, कोई मिलावट नहीं!

    पोस्ट !
    वो नौ दिन और अखियाँ चार
    हुआ तेरह ओ सोहणे यार !!




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  16. एक माँ ही तो है ....किसके आगे शब्द हार जाते हैं...अभिव्यक्तियाँ ....अनकही ही रह जाती हैं....बहुत सुन्दर ..

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  17. उम्दा, बेहतरीन अभिव्यक्ति...बहुत बहुत बधाई...

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  18. मां की याद दिलाने के लिए आभार आपका !

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जो दे उसका भी भला....जो न दे उसका भी भला...