मैं डरा-डरा सहमा सा
शाम के धुंधलके में.........
जैसे ही अपने 'आज' को
पोटली में समेटकर
चार कोस आगे आने वाले
'कल' की ओर लेकर चलता हूँ,
कि तभी अतीत के अँधेरे से
निकलने वाले काले साए
मुझे चारों तरफ से घेर लेते हैं,
और मुझ पर जानलेवा हमला करके
मेरी पोटली से वो मेरा 'आज' चुराकर
फिर से अतीत के अंधेरों में ग़ुम हो जाते हैं,
हर रोज़ ही ये कहानी
खुद को दोहराती है.......
बड़ी मशक्कत से मैं रोज़
एक नया 'आज' कमाता हूँ
और रोज़ ही अतीत के वो काले साए
मुझसे मेरा आज छीन के ले जाते हैं,
और मैं रोज़ मिलने वाले ज़ख्मों
को भर कर फिर से निकलता हूँ
जिंदगी कि सख्त राहों पर,
इस उम्मीद में कि कभी न कभी मैं
अतीत के सायों से अपने 'आज' को
महफूज़ बचाकर चार कोस पर
आने वाले 'कल' तक ले जाउँगा
क्योंकि कहते हैं वहाँ जो सूरज
एक बार निकलता है
वो फिर कभी नहीं डूबता
उस के उजाले में अतीत के
काले सायों से सदा के लिए
छुटकारा मिल जाता है,
मैं डरा-डरा सहमा सा
शाम के धुंधलके में..............
बहुत गहन अभिव्यक्ति..पर मुझे लगता है आने वाले कल के दिन भी उतने ही मायावी हैं जितना अतीत, सो आज को आज में ही रहने देना होगा..और आज के चारों ओर आज की ही बाड़ लगनी होगी दोनों कलों से महफूज रखने के लिए..
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत शुक्रिया अनीता जी........सही कहा आपने आज को आज में ही जीना होगा कल चाहें आने वाला हो या गुज़रा हुआ हमेशा ही दूर रहता है ।
हटाएंबहुत खूब...
जवाब देंहटाएंस्व0 मीरा कुमारी की नज़्म याद आ रही है...शायद कुछ ऐसी ही है..
उतनी ही प्यारी है
माजी की तारीखियाँ
जितनी कि
मुस्तकबिल-ए-नारसा की चमक
ज़माना है माजी
जमाना है मुस्तकबिल
और हाल एक वाहमा है
मैने जिस लम्हें को छूना चाहा
फिसलकर
वह खुद बन गया एक माजी।
.....
बहुत शुक्रिया देव बाबू ।
हटाएंसुनहरे उजाले की उम्मीद आज के अंधेरों को झेल जाती है , वर्ना मुश्किल हो जाता है सफ़र !
जवाब देंहटाएंशुक्रिया वाणी जी ।
हटाएंओह..गलती से स्व0 मीना कुमारी को मीरा कुमारी लिख गया अब तो सुधारा भी नहीं जा सकता। :(
जवाब देंहटाएंहाँ देव बाबू मुझे लगा था की "मीना" ही होगा :-)
हटाएंबहुत खूब ..... गहराई लिए उम्दा अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंशुक्रिया मोनिका जी ।
हटाएंबहुत उम्दा,सुंदर सृजन,,,वाह !!! क्या बात है
जवाब देंहटाएंRECENT POST : अभी भी आशा है,
इमरान भाई, बहुत सही बात कही है, हमें बस आज में जीना चाहिये , वरना जिन्दगी भर सोचते ही रहते है,
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर, शुभकामनाये
यहाँ भी पधारे
दिल चाहता है
http://shoryamalik.blogspot.in/2013/07/blog-post_971.html
शुक्रिया शोर्य जी ।
हटाएंजिंदगी है ही कुछ इस तरह कि बीते हुए कल और आने वाले कल के बारे में सोच-सोच कर मन को दुःख ज्यादा मिलता है. ज़रूरी है हर आने वाले पल के अनिश्चित यथार्थ को देखते हुए बीतते हल पल में संतोष किया जाय चाहे वो जिस रूप में मिले.
जवाब देंहटाएंजी हाँ निहार भाई संतोष ही असली धन है....शुक्रिया।
हटाएंजो बीत गया उसे याद ना कर
जवाब देंहटाएंआने वाले कल की फरयाद न कर
जी भर के बस जी ले आज को
किसी भी सूरत में आज को बर्बाद न कर
खुद के हर पल जी भर जी जा
तो और किसी बात का मलाल न कर
बहुत बढ़िया...शुक्रिया टीना ।
हटाएंबहुत ही गहरे भावो की अभिवयक्ति......
जवाब देंहटाएंशुक्रिया सुषमा।
हटाएंअहि एक समस्या है जो इंसानी मन में तःती है .. अतीत को काट नहीं पाता .... भविष्य की और जा नहीं पाता ... वर्तमान खराब होता रहता है ... जबकि अगर वर्तमान रोशन हो सके तो बाकी दोनों की क्या जरूरत ...
जवाब देंहटाएंभावपूर्ण रचना ...
बहुत शुक्रिया दिगंबर जी।
हटाएंरचना का कथ्य और भाव वहुत सुन्दर हैं।
जवाब देंहटाएंआदरणीय कुछ कम शब्दों में भावाभ्यक्ति करते तो रचना और प्रभावी होती।
सादर
बहुत शुक्रिया वंदना तिवारी जी....आपका सुझाव सरमाथे...इंशाल्लाह आगे कोशिश करेंगे ।
हटाएंयही डर तो हमें भी डराता है
जवाब देंहटाएंपलके झपकती नहीं कि
कोई आज को उड़ा ले जाता है...
वही तो :-))
हटाएंवाह... उम्दा, बेहतरीन अभिव्यक्ति...बहुत बहुत बधाई...
जवाब देंहटाएंशुक्रिया प्रसन्न जी।
हटाएंवाह बहुत खूब गहन भाव अभिव्यक्ति... ज़िंदगी जीने वालों की यही निशानी होती है।
जवाब देंहटाएंबहुत शुक्रिया पल्लवी जी ।
हटाएंबहुत खुबसूरत उम्दा... गहन भाव लिए अभिव्यक्ति .......!!
जवाब देंहटाएंबहुत शुक्रिया रंजना जी ।
हटाएंआपकी रचना पसंद आयी ... बहुत सुंदर लिखा है ...
जवाब देंहटाएंआमद का और पोस्ट पसंद करने का शुक्रिया प्रमोद जी।
हटाएंआदरणीय आपकी यह प्रस्तुति 'निर्झर टाइम्स' संकलन में शामिल की गई है।
जवाब देंहटाएंhttp://nirjhar-times.blogspot.com पर आपका स्वागत् है,कृपया अवलोकन करें।
सादर
हमारे ब्लॉग की पोस्ट को यहाँ शामिल करने का तहेदिल से शुक्रिया।
हटाएंkl mayavi hai ..aaj vastvik ..rubru ...aaj ko pkde rkhein to kl ...khud b khud sunder aaj ho jayega
जवाब देंहटाएंसालों साल की मशक्कत
जवाब देंहटाएंएक पल में कोई चुरा ले जाये तो....!!!
ऐसा ही लगता है....!!!