ज़ख्म रिसने लगते हैं
दर्द बहने लगता है
आँखे अश्कों में
भीग जाती हैं आज भी,
जब-जब उस शब
का ज़िक्र आता है
जो तेरे इंतज़ार में गुजरी थी.......
शब भर हौले-हौले चाँद
फलक पर सरकता रहा
सितारे थके हुए मुसाफिरों
की तरह आसमान पर पड़े रहे,
दूर कहीं हवा से कोई
पत्ता खड़कता था
तो दिल की धड़कने
कहती थी तुम ही हो,
दरिया के बहते हुए
पानी की आवाज़ पर
तुम्हारे पाज़ेब की झंकार
का गुमां होने लगता,
बहकी-बहकी सी हवा
कुछ यूँ छू के गुज़र रही थी
जैसे तुम आकर मेरे बालों में
उँगलियाँ फेर रही हो,
इन्हीं ख्यालों में कहीं गुम
मैं तमाम शब तेरे आने
का इंतज़ार करता रहा,
तेरे आने के गुमाँ होते रहे पर
तूने आने की ज़हमत न उठाई,
नहीं जानता किसने तेरे पैर बाँधे
वो तेरी मजबूरी थी या मरज़ी,
चाँद भी आखिर अपनी मंजिल
पर पहुँच ही गया और
मुसाफिर सितारे भी एक-एक
करके अपनी राह चलते बने,
और मैं उस शब को बाँध
गठरी कंधे पर लादकर
छोड़ आया था शहर तेरा
आज भी जब कभी उस
गठरी को खोलता हूँ तो.....
ज़ख्म रिसने लगते हैं
दर्द बहने लगता है
आँखे अश्कों में
भीग जाती हैं आज भी,
जब-जब उस शब
का ज़िक्र आता है
जो तेरे इंतज़ार में गुजरी थी.......
ज़ख्म रिसने लगते हैं
जवाब देंहटाएंदर्द बहने लगता है
आँखे अश्कों में
भीग जाती हैं आज भी,
जब-जब उस शब
का ज़िक्र आता है
जो तेरे इंतज़ार में गुजरी थी.
सुंदर सृजन ! बेहतरीन प्रस्तुति, !!
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आज भी जब कभी उस गठरी को खोलता हूँ...वाह!
जवाब देंहटाएंखूबसूरत नज़्म।
ये ज़ज्बात..उफ़.. अपने दरिया में समेट रहा है.. कमाल..कमल..कमाल..
जवाब देंहटाएंबहुत हृदयस्पर्शी अभिव्यक्ति इमरान जी .. वाह!
जवाब देंहटाएंइमरान भाई! हैट्स ऑफ आपको भी. क्या समां बाँधा है आपने.
जवाब देंहटाएंचंद लम्हे निशात के, या उम्र भर की आजारी
मुसलसल यादें उस शब की, जेहन में हैं तारी
हयात भर शायद यूँ ही, तवाफ़ करे ख़यालों में
इख्तियार कर चुका हूँ ताउम्र अलम से यारी
किसी का इंतज़ार कितनी यादें ओर टीस दे जाता है की उम्र भी कम पद जाती है उसे संभालते ...
जवाब देंहटाएंखूब्सूओरत बिम्ब ओर अलग अलग बिम्बों के माध्यम से दिल को छूने वाली नज़्म ने जमन लिया है ... बहुत ही लाजवाब है ...
इंतजार की इन्तहां हो गयी...बेहद खुबसूरत ! दिल के हालात को बयाँ करती सुंदर नज्म !
जवाब देंहटाएंबहुत खुबसूरत यादों का कारवां.......!!
जवाब देंहटाएंजब कोई दिल के करीब होता है तो याद आना स्वाभाविक है....
यादों का हर गुजरता लम्हा शायद ऐसा ही होता है. खुबसुरत रचना के लिए बधाई.
जवाब देंहटाएंआती जाती सुंदर समृतियाँ ....बहुत बढ़िया
जवाब देंहटाएंसुंदर हाइकू सुंदर रचना, शुभकामनाये
जवाब देंहटाएंआप सभी कद्रदानों का तहेदिल से शुक्रिया |
जवाब देंहटाएंकिसी का इंतज़ार और उसकी यादें ताउम्र दर्द दर्द देती रहती हैं...दिल को छूते बहुत भावमयी अहसास..बहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंभावपूर्ण ..........
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