अब के बहार चुनर मोरी रंग दे......
तूने बख्शी तो दी मुझको ये कोरी
मौला ! हो गई चुनर मोरी मैली,
अब के बहार चुनर मोरी रंग दे......
दिखते रहे मुझे हर तरफ सब्ज़बाग़
साथ लगते रहे मोरी चुनरी में दाग,
अब के बहार चुनर मोरी रंग दे......
हो मोरी चुनर में रंग हरा, पीला और लाल
कितना बेचैन हूँ मैं, तू ही जाने मेरा हाल,
अब के बहार चुनर मोरी रंग दे.......
रंगरेज़ मेरे ऐसे रंगियो कि रंग नहीं छूटे
तुझसे लगी अब मेरी ये लौ नहीं छूटे,
अब के बहार चुनर मोरी रंग दे.......
कर मुझ पर मेरे रंगरेज़ इतना सा अहसान
तेरा था, तेरा है और तेरा रहेगा ये 'इमरान'
अब के बहार चुनर मोरी रंग दे.......
क्या बात क्या बात क्या बात बहुत सुन्दर ग़ज़ल | आदाब :)
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत शुक्रिया तुषार जी ।
हटाएंबस ये भाव बना रहे
जवाब देंहटाएंआमीन.......शुक्रिया वंदना जी।
हटाएंपी के रंग रंगों चुनरी ऐसी ...कि अब न चढे कोई रंग दूजा.... वाह सूफियाना मस्ती में रंगी रचना..बेहद सुन्दर!
जवाब देंहटाएंबहुतt बहुत शुक्रिया शालिनी जी ।
हटाएंकर मुझ पर मेरे रंगरेज़ इतना सा अहसान
जवाब देंहटाएंतेरा था, तेरा है और तेरा रहेगा ये 'इमरान',,,
सुंदर अभिव्यक्ति
Recent Post दिन हौले-हौले ढलता है,
शुक्रिया धीरेन्द्र जी।
हटाएंरंग अनेक यहाँ बिखरे पड़े हैं
जवाब देंहटाएंउड़ जा न यार हुनर तू संग ले।
सात रंग के सपने न देख प्यारे
अबकी बहार चुनर तू रंग ले।
:)
शुक्रिया देब बाबू.........आपकी सभी टिप्पणीयों के लिए आभार।
हटाएंबहुत बहुत सुंदर ...... मन गहरे उतरते शब्द
जवाब देंहटाएंशुक्रिया मोनिका जी।
हटाएंआज आपकी यह रचना पढ़कर वो गीत याद आ गया "रंग दे मुझे रंग दे रंग दे....मुझे रंग दे हाँ अपनी प्रीत विच रंग दे ...:)
जवाब देंहटाएंवाह इमरान भाई ..बहुत खूब. रंगरेज़ अगर रंग दे एकबार ठीक से तो फिर उजाले ही उजाले ज़िन्दगी में.
जवाब देंहटाएंयही तमन्ना है.....शुक्रिया निहार भाई।
हटाएंलगा जैसे सारे बोल गूंज रहे हैं .......... बहुत अच्छा लगा
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत शुक्रिया रश्मि जी ।
हटाएं"मोहे अपने ही रंग में रंग दे..."
जवाब देंहटाएंबहुत खूबसूरत....
बहुत बहुत शुक्रिया दी।
हटाएंbahut sunder,,imran ji
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत शुक्रिया सुनील।
हटाएंए! रंगरेज़ , कौन सा रंग घोला तूने कि दिल तेरे संग गाने लगा..
जवाब देंहटाएंतू भी अपनी चुनर रंग ले........शुक्रिया अमृता जी।
हटाएंरंगरेज तो हाथ में रंग लिए ही बैठा है..बहुत सुंदर प्रार्थना दिल की गहराई से उपजी..
जवाब देंहटाएंशुक्रिया अनीता जी।
हटाएंबहुत खूब ... उस एक के रंग में रंगने की आशा ... जो सबको रंगता है अपने रंग में ... काश वो रंगरेज एक नज़र देख ले फिर रंग दे किसी भी रंग में ... बार चुनर मेरी रंग दे ...
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत शुक्रिया दिगंबर जी।
हटाएंतूने मुझ पे ऐसा रंग डाला ओ ललारी
जवाब देंहटाएंमैं हो गई तेरी सारी दी सारी !!
बहुत सुंदर
बहुत शुक्रिया टीना ।
हटाएंSundar bhao...
जवाब देंहटाएंअंतिम दो टुकड़े बहुत ही गहरे दिल में उतरते ...और ये भाव चिर स्थाई बने रहे ....तुम्हारे हमारे मन में ...और क्या चाहिए ....खूबसूरत ...एकदम सूफियाना
जवाब देंहटाएंअंजू तुम्हारी सभी टिप्पणीयों के लिए तहेदिल से शुक्रिया।
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